कोई तो था जो चाहता था वो ओर जिए। 



Motivaton bank
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दोस्तो आज मैं आपको एक कहानी सुनाना चाहता हूँ ये कहानी बिल्कुल सच है जब मैं 7 साल का था तब की ये कहानी है अब ये बात 13 साल पुरानी हो चुकी है
 खैर अपनी बात शुरू करता हूँ।


मेरे घर के पास ही एक जंगल जलेबी का पेड़ था वह पेड़ बहुत ही बड़ा और हरा भरा था दरहसल वह पेड़ मेरे दादाजी के टाइम से था उस समय छोटा था लेकिन आज बहुत बड़ा हो गया था और वक़्त के साथ मजबूत भी 
उसमे चिड़ियों ने घोसले बनाये थे, बच्चो ने झूला बना रखा था और सुबह उस पेड़ की बात ही अलग होती है चाहे किसी भी बात की tension हो उस पेड़ के पास जाते ही खत्म हो जाती थी।


वो पेड़ मेरे दोस्त की तरह बन गया था अकेले में मैं उससे बाते करने लगा था सच मे उस पेड़ से रिश्ता हमारी पीढ़ियों से जो था सब कुछ सही था फिर एक दिन एक अंकल जो हमारी society में ही रहते थे उन्होंने वो जगह हड़प ली क्योकि वो जगह बहुत ही सुनसान थी उस जमीन का कोई मालिक नही था 
उन्होंने इस जमीन पर अपना एक 5star होटल बनाने की सोची इससे वो पैसा कमाना चाहते थे पर एक दिक्कत आ गयी उनके लिए और वो था जंगल जलेबी का विशालकाय पेड़ उस पेड़ पर कई चिड़ियों ने घोसला बना रखा था,कई बच्चे उस पेड़ के साथ खेलते थे कई लोग अपनी प्यार की बाते उस पेड़ के नीचे किया करते थे ,कई बूढे लोगो का वो पेड़ सहारा बन गया था ।


 लोगो ने अंकल को पेड़ कटवाने से मना किया लोगो को ये फ़र्क़ नही था कि इसने ज़मीन हड़प ली बल्कि ये कि ये अपने मतलब के लिए पेड़ न कटवा दे पर अंकल पर तो एक पागलपन सवार था क्या सही क्या गलत वो कुछ समझना ही नही चाहते थे उन्होंने किसी की नही सुनी और वो पेड़ कटवा दिया उस दिन किसी का तो पता नही लेकिन मैं बहुत ही रोया था ।
वो सिर्फ कहने के लिए पेड़ था लेकिन इंसान के दिल मे कई बातें होती है जो वो किसी को नही बताता लेकिन मैंने हर बात उस पेड़ को बताई थी पर मैं बहुत छोटा था दुनिया की ज्यादा समझ नही था 

और वो पेड़ कट गया सब लोग अंदर ही अंदर दुखी तो थे क्योंकि कई साल लगे थे उसे बड़ा होने में और एक ही दिन में उसे उखाड़ दिया गया अब वहां 5star होटल बनने की तैयारियां होने लगी सब उस पेड़ को भूल गए पर मेरे जहन में वो पेड़ अब भी जिंदा था


देखते ही दखते लगभग 2 साल में होटल तैयार हो गया होटल बहुत ही सुंदर था बहुत बड़ा भी था।
सबको ये उम्मीद हो गयी थी कि यहाँ अब company आएंगी और रोजगार बढेगा लेकिन उन अंकल जिन्होंने ये होटल बनवाया था उनके अच्छे दिन की बजाय बुरे दिन आ गए वो दिवालिया हो गए
पता नही कैसे उनके पास तो करोड़ो की दौलत थी अगर वो काम न भी करे तब भी कई पीढ़िया आराम से जी लेती लेकिन ये कैसे हुआ किसी को कुछ नही पता था ये बात तो बड़ो को भी समझ नही आई तो मैं तो बहुत छोटा था


वो होटल भी वैसा का वैसा रह गया उन अंकल के ऊपर कर्ज़ आ गया था और उस होटल को किसी ने खरीदा ही नही पता नही क्या हो रहा था 

देखते ही देखते वो होटल बंजर जैसा हो गया सब मेरी आँखों के सामने की बात है कहा वो कुछ महीने पहले इतना खूबसूरत था और आज कुछ भी नही कुछ भी नही सिर्फ एक पुराना सा खंडर
थोड़े समय बाद उन अंकल की मौत हो गयी और उनके बच्चे अब आम सी नौकरी करने लगे
वैसे कुछ लोग कहते थे कि ये ज़मीन मनहूस है यहाँ पर पैसा नही लगाना है पर आज के समय मे ये कौन मानता है कुछ लोग सही मानते है और कुछ बकवास
खैर उन अंकल की मौत हुई 2 साल हो गए थे मेरी उम्र भी अब 9 साल की थी हमारे आस पास जो भी होता है अच्छा या बुरा उसका शोर 2 दिन तक ही होता है बाद में हर कोई भूल जाता है

एक दिन मैं उसी खंडर के पास से गुजर रहा था तभी मेरी नज़र एक चिड़िया पर गयी वो ज़मीन पर लगातार चोंच मार रही थी पहले तो मैंने सोचा कुछ नही है बाद में मुझे कुछ अजीब लगा।

मैं पास गया और बहुत ही हैरान था उस कि उस चिड़िया के मुँह में जंगल जलेबी पेड़ के बीज थे और वो उसे अपने मुँह से बो रही थी मैं यकीन नही कर पा रहा था।

एक बात मैं उस दिन समझ गया था कि या तो वो पेड़ अभी ओर जीना चाहता था या फिर कोई था जो चाहता था कि ये पेड़ अभी ओर जिए।

खैर इस बात को 11 साल हो गए आज मैं पूरे 20 साल का हूं और आज उसी खंडर के पास ही एक बड़ा सा जंगल जलेबी का पेड़ है वैसा ही जैसा पहले था मेरा दोस्त मेरा प्यारा पेड़ वापिस आ गया था।
                                            

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