खुद पर भरोसा करें
साहस वाला इंसान विश्वास से भरा इंसान भी होता है ।
—मार्कस टुलियस सिसरो
मैं नेपोलियन हिल की जीवनी से मंत्रमुग्ध हूँ , जो कालजयी पुस्तक थिंक एंड ग्रो रिच के लेखक हैं । हिल बहुत गरीब परिवार से आए थे , जहाँ पढ़ने - लिखने या सीखने को महत्त्व नहीं दिया जाता था या प्रोत्साहित नहीं किया जाता था । लेकिन जब उनकी माँ के देहांत पर उनके पिता ने दूसरी शादी की , तो स्थिति बदल गई । उनकी सौतेली माँ हाई स्कूल के प्रिंसिपल की बेटी थीं और उन्होंने नेपोलियन हिल को नियमित स्कूल भेजा । वही थीं ,
जिन्होंने नेपोलियन को पहला टाइपराइटर खरीदकर दिया । नेपोलियन हिल स्थानीय ग्रामीण अखबारों के लिए छोटे - छोटे लेख टाइप करने लगे और इस तरह उनका लेखन करियर शुरू हुआ । इससे लिखने और संदेश फैलाने का ऐसा जोश पैदा हुआ , जो उनके करियर की आधारशिला बना । लेखन के अलावा वे कई दूसरी गतिविधियों में भी शामिल रहे ।
इसे भी पढ़ें -
मुस्कराहट जितनी बांटेगे उतनी पायेंगे । Inspirational story Motivational story
कई साल के प्रयासों और भूलों , कई व्यावसायिक अभियानों के बाद कहीं जाकर उन्हें अपना सही मकाम मिला , जब उन्होंने आठ खंड वाली पुस्तक लॉज़ ऑफ़ सक्सेस लिखी ।
उल्लेखनीय बात यह है कि वे इस विषय पर कई वर्षों से सक्रिय शोध कर रहे थे । जब वे अपनी सफलता के शुरुआती वास्तविक वित्तीय फलों का स्वाद चख रहे थे , तभी 1929 में शेयर बाजार बुरी तरह लुढ़क गया , जिससे पूरा संसार महामंदी की चपेट में आ गया और इस तरह की पुस्तकों के प्रति जनता की भूख कम हो गई । 1957 मे जाकर उन्होंने थिंक एंड ग्रो रिचलिखी ,
जो तुरंत बेस्टसेलर बन गई । न सिर्फ यह शख्स सफलता की महान मार्गदर्शिका लिखने के लिए 20 साल तक संघर्ष करता रहा , बल्कि उन्होंने गरीबी के थपेड़े सहे . उनकी जान जोखिम में थी . उनके समर्थकों की हत्या कर दी गई . वे कई मर्तबा गंभीर निराशा के शिकार रहे और उनके परिवार ने इतने दुख झेले कि कल्पना भी नहीं की जा सकती । तो हम यह कह सकते हैं - उन्हें रातोंरात सफलता नहीं मिली थी ।
नेपोलियन हिल की जीवन गाथा में एक चीज़ अलग हटकर दिखती है । यह है नकारात्मक को सकारात्मक मे बदलने की काबिलियत । बादल कितना ही स्याह हो , वे हमेशा सुनहरी लकीर की तलाश करते थे । कुछ लोगों को देखकर लगता है , जैसे उनमें बुराई में छिपी अच्छाई देखने की पैदाइशी योग्यता है , लेकिन मुझे विश्वास है कि यह एक ऐसी चीज़ है , जिसे आप भी सीख सकते हैं और विकसित कर सकते हैं । विश्वास उन सकारात्मक संभावनाओं के प्रति आपकी आँखें खोल देगा . जो सबसे स्याह परिस्थितियों में भी मौजूद होती हैं , सिर्फ इसलिए क्योंकि विश्वास आपको बताएगा - आश्वस्त करेगा और तसल्ली देगा - एक ज़्यादा सकारात्मक परिणाम संभव है , भले ही इसकी संभावना नज़र न आ रही हो । आपको विश्वास होगा कि आप खोजेंगे , तो यह आपको मिल जाएगा । इस विश्वास की बदौलत आप इसकी तलाश तब तक नहीं छोड़ेंगे ,
जब तक कि आपको वह सकारात्मक परिणाम मिल नहीं जाता । यह सरल लगता है और यह है भी , लेकिन विश्वास से काम करने और डर से काम करने के बीच की खाई बहुत बड़ी है । अगर आप चिंता और डर के दृष्टिकोण से संसार और हर स्थिति की ओर जाते हैं ,
तो आपकी आँखें कमोबेश बंद होंगी और आप उस सकारात्मक समाधान को देख ही नहीं पाएँगे , जो हो सकता है कि आपके ठीक सामने खड़ा हो । नेपोलियन हिल बहुत ही मुश्किल समय में रहे थे , लेकिन वे जानते थे कि उनके पास संसार को देने के लिए कोई मूल्यवान चीज़ है । उन्होंने किसी भी चीज़ को यह अनुमति नहीं दी कि वह उन्हें रोक ले ।
खुद पर विश्वास आपको तब भी चलाता रहेगा , जब संसार आपको नीचे गिराता है
Post a Comment
हमें बताइए , आपको यह पोस्ट कैसा लगा ??