विश्वास की छलाँग Motivational story |inspirational story

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सवाद हमारे सारे पारस्परिक संबंधों की कुंजी है , लेकिन सबसे करीबी मित्रों और परिवार के सदस्यों के मामले में भी हमेशा कोई चीज़ होती है , जिसे अनकहा छोड़ दिया जाता है । 


   हो सकता है कि कोई ऐसी चीज़ हो , जो आपने उन्हें कभी न बताई हो । या हो सकता है कि किसी संबंध की निश्चित सीमाएँ रही हों । शायद आपका कोई सहकर्मी मित्र हो , जिसके साथ आपने लंच में कई घंटे गपशप की हो , कानाफूसी की हो , शॉपिंग की हो और खाना खाया हो , लेकिन आप उस संबंध को कभी ऑफ़िस के आगे तक नहीं ले गए । 


   मेरी संपादक ने मुझे बताया कि वे और उनकी बहन बरसों से अलग अलग महाद्वीपों मे रहती हैं , इसलिए त्योहारों पर संपर्क में रहने के लिए वे कार्डों और पार्सलों पर निर्भर हैं । उनकी बहन बुनाई में माहिर थी और अपने हाथ बनाई चीजें भेजती थीं , जो सुंदर होती थीं । लेकिन मेरी संपादक को ऊन से एलर्जी हो गई । इस वजह से वे बहन की भेजी ज़्यादातर चीजें नहीं पहन सकती थीं । उन्होंने यह बात बहन को कभी नहीं बताई ! तीन साल तक वे कर्तव्यपरायणता से उसे धन्यवाद देती रहीं और उसके भेजे सामान धूल खाने के लिए एक बक्से मे रखती रहीं । उन्होंने स्वीकार किया , “ पहले तो मैं उसे बताना चाहती थी , लेकिन फिर दूसरा साल आ गया , फिर तीसरा ... मैं इतनी मूर्ख महसूस करने लगी कि यह इतना खिंचता चला गया था और मैंने सोचा कि वह सचमुच चिढ़ जाएगी कि उसने एक ऐसी चीज़ बनाने इतना समय और मेहनत लगाई , जिसका मैं इस्तेमाल नहीं कर रही थी । " आख़िरकार उन्होंने बात साफ़ करने का फैसला किया । उन्होंने मुझे बताया , " मैंने उसे चौथे क्रिसमस के ठीक पहले बता दिया और अंत में हम स्थिति की मूर्खता पर काफ़ी देर तक हँसते रहे । यह बहुत अच्छा महसूस हुआ । " 


   यह अगला कदम उठाना है- संवाद के तार खोलना और विश्वास की छलाँग लगाना । बातचीत के कुछ विषयों से कतराने का आम तौर पर यह मतलब होता है कि आप यह मानकर चल रहे हैं कि सामने वाला कैसी प्रतिक्रिया करेगा और वह प्रतिक्रिया नकारात्मक होगी । सामने वाले को यह अनुमति दें कि वह खुद ही निर्णय लेने की स्वतंत्रता का इस्तेमाल करे । इसे आज़माकर देखें ।


​ज़रूरी नहीं है कि यह कोई बड़ी , नकारात्मक या सदमे भरी चीज़ हो । यह कोई ऐसी बात भी हो सकती है , जिसे छेड़ने में आप किसी भी कारण हिचक रहे हों । 


आपको जो प्रतिक्रिया मिली , वह सकारात्मक है या नकारात्मक ? अगर यह नकारात्मक है , तो कैसे ? कारणों के बारे में सोचें । शायद आप .अपनी नीति को बदल सकते हैं । 


अपने हृदय में प्रेम और ईमानदारी रखकर आगे बढ़ें और दोबारा कोशिश करें । 


इस तरह का अभ्यास दोनो तरफ़ संकेत कर सकता है । यह आपकी ओर संकेत कर सकता है ! क्या आप विश्वसनीयता अंदर डाल रहे हैं - बाहर निकालने के लिए ? क्या वह व्यक्ति भी आप पर विश्वास कर सकता है ? याद रखें , विश्वास देने और लेने वाली स्थिति है । यह इसे किसी स्थिति में रखने और वापस पाने के बारे में है । 


आप यह अभ्यास किसी ऐसे व्यक्ति के साथ भी आजमा सकते हैं , जिससे आपका संपर्क टूट गया हो । जब आप उन लोगों की सूची बना रहे थे , जिनके हृदय में आपके सर्वश्रेष्ठ हित थे , तो क्या कोई ऐसे नाम थे , जिनसे आप आजकल संपर्क में नहीं हैं ? आजकल इंटरनेट और दोबारा जुड़ने के बहुत से दूसरे तरीके मौजूद हैं , इसलिए संपर्क में दोबारा न आने के बहुत कम बहाने बचे हैं , भले ही सालों गुज़र गए हों 


खुद को गुणवत्तापूर्ण संबंधों से घेरकर और उन्हें पोषण देकर आप क्रियाकलाप का आधार और एक समर्थन नेटवर्क बना रहे हैं । 


ईमानदारी के लिए विश्वास की ज़रूरत होती है और यह एकमात्र चीज़ है , जो आपके सबसे करीबी लोगों के साथ आपके संबंध मज़बूत करेगी । विश्वास रखें कि आप उन्हें जो भी सच्चाई बताएँगे , वे हमेशा उसे स्वीकार करेंगे और फिर बदले में इसकी अपेक्षा रखें ।

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