ब्याह | reality of arrange marriage | Best poem in Hindi | movational lines in Hindi | short poems | hindi poem
![]() |
ब्याह | reality of arrange marriage | Best poem in Hindi | short poems | hindi poem |
आज के इस देख में हम आपको एक reality से रुबरु कराएंगे । मै आपके सामने बहुत ही मनोहर पंक्तियां प्रस्तुत करने जा रहा हूं इन पंक्तियों के माध्यम से मैं अपनी बात उन लोगो तक पहुंचाना चाहता हूं जो लोग aarange marriage को एक marriage की तरह नही देखते है बल्कि शादी करके लेकर आए लड़की को अपनी हाथ की कटपुतली तरह समझते है
लड़की के अरमानों की चिंता न करके उनपर धौंस जमाते है । उन्हें अपने घर की जागीर समझते है वो लड़की जो अपना घर वार छोड़कर तुम्हारे साथ देने के लिए आई है आप उसकी बिलकुल भी कद्र नहीं करते हो ।
कुछ पंक्तियों के माध्यम से आप सब समझ जाओगे और आशा करते है आप आगे से ऐसा कुछ गलत नही करोगे और न ही गलत होने दोगे और अपनी पत्नी को बराबर का दर्जा दोगे आपको ये मेरे द्वारा लिखी गई पंक्तियां बहुत पसंद आएंगी । ये मैं आपसे वादा करता हूं ।
ब्याह | reality of arrange marriage | Best poem in Hindi | short poems| hindi poem
एक बहता हुआ नदी में
बांध जैसे आ जाते हो ।
जी पति देव यही होता
जब तुम एक लड़की ब्याह कर लाते हो ।।
एक आजाद सी आवाज को
बल पूर्वक तुम दबाते हो ।
उड़ने वाली एक पंछी को
साड़ी के पिंजरे में जकड़ लाते हो ।।
शादी के समय जो वचन लेते
वो तुम कहा निभाते हो ।
जी पति देव यही होता जब
तुम एक लड़की को ब्याह कर लाते हो । ।
छोटी सी बच्ची को तुम ,
अपनी मां के ताने सुनवाते हो ।
आज्ञाकारी बेटे का तुम
अच्छा अभिनय कर जाते हो ।।
ऊंची आवाज सुनी न जिसने
उसको गली तुम दे जाते हो ।
जी पति देव यही होता
जब तुम एक लड़की ब्याह कर लाते हो।।
खुद की कीमत लगा कर तुम
खुद को मर्द बताते हो ।
मांगे गए सोफे पर तुम
बैठ बहुत इठलाते हो ।।
वो करती है प्यार तुमसे
तुम बदले में शक-संदेह का रिश्ता निभाते हो ।
जी पति देव यही होता
जब तुम एक लड़की ब्याह कर लाते हो ।।
By _ इंद्रशेखर चौबे
ब्याह | reality of arrange marriage | Best poem in Hindi | short poems | hindi poem
Post a Comment
हमें बताइए , आपको यह पोस्ट कैसा लगा ??