जिंदगी में growth नहीं हो रही हैं तो इस कहानी को जरूर पढ़े।
किसी ने बहुत अच्छी बात कहीं है कि
जिंदगी में कोशिश ऐसी करो कि
हारते हारते कब जीत जाओ पता ही न चले ।
एक छोटी सी कहानी ये कहानी है एक गरीब पेंटर की जो बहुत अच्छी अच्छी पेंटिंग बनता था । बहुत ही शानदार पोट्रेट बनता था बहुत अच्छा artist था वो आर्ट को बारीकी से जनता था उसको बहुत अच्छे से समझता था आर्ट के बारे में बहुत अच्छा ज्ञान था । फिर भी उसे जिंदगी में growth नहीं मिल रही थी सोचता था कि मै अपना काम इतने अच्छे तरीके करता हूं फिर कमी कहा रह जाती है । मुझे success क्यो नहीं मिल रही है चमत्कार क्यू नही है रहा है ।
उसके कुछ समझ में नहीं आ रहा था वो बहुत परेशान था । उसी शहर में एक मिलिनियर महिला रहती थी उसने उसके बारे में न्यूजपेपर में पढ़ती रहती थी कि बड़ी शानदार पेंटिंग बनाता है बहुत अच्छी पोट्रेट बनाता है कभी टाइम मिले तो मै भी जाऊ इसके पास और अपनी भी एक शानदार पोट्रेट बनवाऊ । देखू तो सही कितना बड़ा आर्टिस्ट है
गरीब पेंटर सोचा करता था कि कभी मेरी जिंदगी में भी चमत्कार हो जाए एक अच्छा क्लाइंट मिल जाए जिससे मेरी किस्मत खुल जाए ।
कहते है कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं है finaly उपर वाले ने इन दोनों को मिला दिया
एक दिन गरीब पेंटर के दरवाजे पर दस्तक हुई और मिलीनियर महिला आयी उसने आकर वही डिमांड किया जो उसे लग भी रहा था कि ये कहेगी । महिला ने कहा मुझे अपनी पोट्रेट बनवानी है जो इतनी शनादर j
हो जैसी तुमने आज तक नहीं बनाई है इतनी शानदार बनाना कि जब मै उसे अपनी ऑफिस में लगाऊ तो उसे देखकर सभी मत्रमुक्त हो जाए । इतनी अच्छी पोट्रेट बनानी है ।
पेंटर ने कहा जी बिलकुल मेरा तो काम ही यही है में इस में माहिर हूं ओर अपने बारे में बताने लगा मीलिनियर महिला ने कहा वो सब मत बताओ मै आपके बारे में सब जानती हूं आप बस मेरा काम कीजिए पेंटर ने कुछ ही घंटो में बहुत ही शानदार पोट्रेट बनाकर तैयार कर दी ।
जब मिलिनेयर महिला ने अपनी पोट्रेट को देखा तो मत्रमुक्त हो गई वो महिला इस देखती रह गई उसने इतनी शानदार पेंटिंग बनाई । महिला पेंटर से बहुत ही प्रसन्न हुई । और कहा अब आप बताइए आपको क्या reward दू ।
पेंटर मन में सोचने लगा बहुत दिन बाद एक अमीर क्लांइट मेरे दरवाजे पर आया है क्या मांगू 100 डॉलर मांग लू फिर मन में विचार आया कि 500 डॉलर मांग लेता हूं फिर लगा नहीं में 100 डॉलर मांग लेता हूं । फिर सोचने लगा कि कहीं ये महिला ये न सोचे कि में इसके दरवाजे पर आया हूं तो ये मुंह फाड़ रहा है । फिर उसने सोचा इन्हीं पर छोड़ देता जो देगी वही सही । फिर सोचा कुछ न दिया तो कह दे कि मेरे ऑफिस आ जाना तब देखेगे ।
बड़ी हिम्मत से उसने मिलिनेयर महिला से बोला मैडम जो आपको देना है दे दीजिए । मीलीनियर महिला ने कहा मै आपसे इतनी मत्रमुक्त हो गई है कि क्या बताऊं मै आपसे बहुत ही खुश हूं आपने तो मुझे खुश ही कर दिया ये मेरा पर्श आपका ।
जब उस महिला ने पेंटर से पर्स की बात की तो पेंटर ने सोचा पर्स मेरा इस पर्स का मै क्या करुगा ये पर्स मेरे किस काम का फिर सोचा कहा था न 1000डॉलर मांग ले लेकिन नहीं ।
फिर पेंटर ने कहा नहीं मैडम मै ये पर्स नहीं ले सकता आप मुझे बस 1000 डॉलर दे दीजिए बस इससे ज्यादा मुझे कुछ नहीं चाहिए । जब उस महिला ने पर्स खोला तो उसमें 1 लाख डॉलर थे ।
मिलिनीयर महिला उसे 1 लाख डॉलर देना चाहती थी लेकिन उसने मांगे सिर्फ 1 हजार डॉलर बस ।
ये कहानी पेंटर और उस मिलिनेयर महिला की नहीं है ये कहानी हम सब की है हम रोज उपर वाले से कुछ न कुछ मागते रहते है मांगते रहते है । ये कर दो वो कर दो मेरी जिंदगी में चमत्कार कर दो । मांगते मांगते थकते नहीं है । कभी कभी तो हम अर्जी लगा देते है ये हो जाएगा तो ये कर देगे वगेरा बगेरा । हम उपर वाले के लिए कुछ नहीं कर सकते उसने पूरी सृष्टि बनाई है हम उस क्या दे सकते है ।
वो जो सुपर natural Power है उससे मांगना बन्द कर दीजिए । मांगना है तो बस इतना मांगिए कि तुम्हरा साथ मिल जाए सब कुछ अच्छा ही जाएगा । और जो पर्स यानी कि जिंदगी जो भगवान ने हमें दी है बस पर्स खोलिए और अपनी शक्तियों को पहचानिए । ये 100 डॉलर हजार डॉलर्स से कुछ नहीं होगा अपनी असली शक्तियों को पहचानो और आगे बड़ो । कर दिखाओ कुछ ऐसा दुनिया करना चाहे आपके जैसा ।
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