जब आप थक जाओ तब इस स्टोरी को जरूर पढ़ना motivational story
किसी ने बहुत अच्छी बात कहीं है की
जिंदगी में खुद को ऐसा बनाओ कि जहां आप न हो
वहां लोग आपको याद करे ।
और जहां आप जाने वाले हो वहा लोग आपका इंतजार करे।।
ये कहानी है गोतम बुद्ध की जब उनकी उम्र हो चली थी लेकिन फिर भी वो गांव से गांव और शहर से शहर जाकर उपदेश प्रबचन दिया करते थे ।
एक दिन गोतम बुद्ध अपने शिष्य आनंद के साथ एक गांव से उपदेश देकर दूसरे गांव जा रहे थे काफी थके हुए थे कुछ दूर चलकर आनंद से कहा भगवान किसी को पूछ लेते अभी कितना है गांव काफी थकावट महशुश हो रही है गुरुजी ने कहा ठीक है पूछ लेते है
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रास्ते में उन्हें एक किसान खेत मे काम करता हुआ दिखा तो उस किसान से पूछा गांव का नाम बताया और कहा भाई साहब ये गांव अभी कितनी दूर है किसान से कहा बस 2 किलोमीटर और अब आप आ ही तो गए । गोतम बुद्ध ने किसान की तरफ देखा और मुस्करा दिए गुरुजी को देखकर किसान भी मुस्करा दिया ।
आंनद सोच मे पड गया ये मुस्करा क्यों रहे है ये क्या बात हुई हम थक गए और गुरुजी मुस्करा रहे है । फिर दोनों चलने लगे 2 किलोमीटर से ज्यादा दूर निकल गए लेकिन गांव अभी तक नहीं आया तो आंनद ने फिर गुरुजी किसी से पूछ लेते है अब कितना और बचा है चला नहीं जा रहा है थक चुके है गुरुजी ने कहा ठीक है पूछ लो
रास्ते में एक बूढ़ी अम्मा लड़की सिर पर रखे हुए जा रही थी आनंद से पूछा अम्मा जी ने गांव अभी और कितना दूर है अरे आप बस आ ही गया 2 किलोमीटर और रह गया है गुरुजी ने उसकी तरफ देखा और हस दिए । आंनद को बुरा लगा । ये फिर से हस रहे है आखिर बात क्या है गुरुजी मुस्करा क्यों जाते है
फिर से चलना शुरू कर दिया और इस बार भी 2 किलोमीटर से काफी दूर निकल गए फिर भी गांव का कोई अता पता नहीं था आनंद से कहा गुरुजी अब नहीं चला जाता किसी के पूछ ले आखिर अभी कितना और दूर है । ठीक है पूछ लो
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आगे से आता हुआ एक आदमी दिखा आनंद ने आदमी से पूछा ये गांव अभी कितनी दूर है उसने भी वही बात कहीं ये गांव बस आ ही गया बस 2 किलोमीटर और है चलते रही शाम होने से पहले आप पहुंच जाओगे गुरुजी उस देखकर फिर से मुस्करा दिए आनंद को कुछ समझ न आया उसका दिमाग घूम गया ये सब क्या चल रहा है
आंनद ने थैला जो आंनद अपने कंधे पर रखा था उसने नीचे फेंक दिया और गुरुजी से कहा माफ करना गुरुजी आप कहते है फालतू प्रश्न करने से हमारी ऊर्जा खर्च होती है लेकिन आप गुरुजी एक बात बता दीजिए कि आप उस किसान को देखकर मुस्करा दिए और उस अम्मा को भी आखिर ये सब क्या है बताइए गुरुजी
गुरुजी ने कहा शांत हो जाओ आनंद गुरुजी ने कहा जब उस किसान ने कहा बस 2। किलोमीटर और है मुझे पता कि गांव कितना दूर है शायद तुमको याद नहीं लेकिन मुझे पता है गांव अभी दूर है लेकिन किसान ने कहा 2 किलोमीटर तो मैं समझ गया कि उसका और मेरा काम एक ही है और वो भी समझ गया हमारा काम एक ही है तो वो भी मुस्करा दिया
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और जब उन अम्मा से पूछा तो उन्होंने भी वही बात कहीं तो मैं समझ गया हमारा काम एक ही है दूसरी को मोटिवेट करना प्रोत्साहन देना । इसलिए हम हस दिए और जब तीसरा व्यक्ति ने भी यही बात कही बस थोड़ा और आ ही गए उसका भी यही काम है दूसरी को मोटिवेट करना ।
चलो आज रात इस पेड़ के नीचे बैठकर विश्राम करते है कल फिर चलेगे ।
असल जिंदगी में हमारे चारो तरफ ऐसे लोग होते है जो हमे मोटिवेट करते है कि बस आप आ ही तो गए है उसी तरह जिस तरह उन तीनो की बजह से 6 किलोमीटर का रास्ता तो ऐसे पार हो गया ।
कुछ हमारे आसपास डिमोटिवेट करने वाले लोग भी होते है जो हम मोटिवेट न करके demotivate करते है ।
अब चुनना आपको है कि आप किसके साथ रहना पसंद करते है उस इंसान के साथ जो आपको बोले नहीं तुमसे नहीं होगा अभी बहुत दूर है या फिर उस इंसान के साथ जो कहे कि बस आप आ गए आप मंजिल के बहुत करीब हो । जल्द ही आप मंजिल तक पहुंच जाओगे ।
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